Personality development, Kundalini Yog a presentation by Devendranath Maharaj to the world.



Source : Shahane Kaka

सदगुरु की अमृत वाणी

"भगवान को पाने के लिये मन में केवल भगवान को बिठाइये। संसार मै रहिये, किन्तु संसार को मन में मत बसा लीजिये। परमात्मा का नूर चारों ओर बरस रहा है, फूलों में , नदियों में , तितलियों के रंगबिरंगे पंखों में । समस्त सृष्टि उसकी सुन्दर रचना है। इसे पर्यटक बन कर भोगो।" "Only god should be in our minds if we want to acquire him. One can live in the world but the world should not be in the mind all the time. God's ravishing and stunning beauty is everywhere, in flowers, in rivers and in the colorful feathers of butterflies. Whole universe is his exquisite and magnificent creation. Enjoy all this as a traveler or tourist."

यदि सदगुरु मिल जाये

यदि सदगुरु मिल जाये तो जानो सब मिल गए फिर कुछ मिलना शेष नहीं रहा ! यदि सदगुरु नहीं मिले तो समझों कोई नहीं मिला क्योंकि माता पिता पुत्र और भाई तो घर घर में होते है ! ये सांसारिक नाते सभी को सुलभ है परन्तु सदगुरु की प्राप्ति दुर्लभ है !-- कबीर


Read More